Monday, 15 September 2014

Tukde.


ऐ ख़ुदा, जब तेरे हर कहीं होने का एहसास हुआ,
आसमान भी फलक के नज़ारों में बदल गया। 
… 

तू खड़ा फ़कीर यहाँ गालियाँ दे रहा, 
किसी रंगरेज़ से पूछ, ज़िन्दगी कितनी  खूबसूरत है। 
… 

ज़िन्दगी अक्सर ठोकर देती रहती है,
क्या पता उसे, ऐसे ही मिज़ाज़ से खुश हूँ मैं। 
… 

ऐ वक़्त मुझे तेरी नियत समझ नहीं आती,
तू ज़िन्दगी संवारता है,
और लम्हे छीनता है। 
… 

आना-जाना तेरा खाली हाथ ही है यहाँ,
गलत नज़र न रखना,
अमानत तो सिर्फ तेरा ये दिल है,
इसे संभाले रखना। 
…