Monday 31 March 2014

Freedom, as it opens us.

"आज़ादियाँ"

 न आए जब तक, बेबस बनाती है हमें आज़ादियाँ ,
न मिले जब तक, दूर करती है मंज़िल से हमें आज़ादियाँ,
होती है यहीं-कहीं,
पर नज़रों में मुश्किल से आती है ये आज़ादियाँ। 

जब मिल जाए ये,
उस पल जीना सिखाती है आज़ादियाँ,
ज़िन्दगी की तस्वीर में रंग भरती है आज़ादियाँ,
समय को खुद का वारिस बताती है आज़ादियाँ,
खेदों को अलविदा करती है आज़ादियाँ। 



धरती तो है छोटी सी,
आसमान के घेर का मंज़र देती है आज़ादियाँ,
होती बहुत खूबसूरत है ये,
बस कुछ वक़्त लेती है आज़ादियाँ। 

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