"नारी"
तू है सुकून दिल को, एक कश्ती, दुःख के हर साहिल को,
तू है जहां दूसरा, पहलु ज़िन्दगी की हर मंज़िल को,
तेरे बिन कहाँ ये दिन, कहाँ ये रात,
तू हर पल में है थामे मेरा हाथ।
तेरी ममता, तेरा आँचल, कैसे भूलूँ इन आहों को मैं?
कैसे छोड़ दूँ तेरी खुशनुमा राहों को मैं?
मेरी कहानियों के लफ्ज़ तू है,
खुदा का सबसे बड़ा क़र्ज़ मुझ पर तू है,
न चुका पाऊँगा तेरी कीमत को कभी,
तेरे सामने हमेशा खुद को, गरीब ही महसूस करता हूँ ।
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